अदाए अज्रे रिसालत हुसैन का मातम
है एहतेमामे मोअद्दत हुसैन का मातम।
इसी के दम से है इस्लाम की बक़ा लोगों
सफ़ीनाहाए शरीअत हुसैन का मातम।
मुनाफ़िक़ीन को आख़िर न क्यों गिरां गुज़रे
लहू की मांगे तहारत हुसैन का मातम।
ज़वाल मातमे शब्बीर पा नहीं सकता
है रब के ज़ेरे क़फ़ालत हुसैन का मातम।
हुसैनो मिन्नी से साबित हुआ ज़माने में
है ख़ुद रसूल की सुन्नत हुसैन का मातम।
है चलती फिरती हुई लाश मुनकिरे शब्बीर
है ज़िंदगी की अलामत हुसैन का मातम।
जो चाहते हो मज़ालिम से सामना करना
बना लो दोस्तों आदत हुसैन का मातम।
नमाज़ लाख पढ़े लाख कोई सजदा करे
है मग़फ़िरत की ज़मानत हुसैन का मातम।
क़ज़ा न हो कभी आरिफ़ अज़ाए शह की नमाज़
है इक अज़ीम इबादत हुसैन का मातम।
असकरी आरिफ़
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